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अखिलेश खुद तय कर रहे मेयर उम्मीदवार:RLD का चुनाव चिह्न वापस; अब मेरठ-मथुरा सीट पर दावेदारी, ओपी राजभर बिगाड़ेंगे चुनावी खेल

अखिलेश खुद तय कर रहे मेयर उम्मीदवार:RLD का चुनाव चिह्न वापस; अब मेरठ-मथुरा सीट पर दावेदारी, ओपी राजभर बिगाड़ेंगे चुनावी खेल

समाजवादी पार्टी का दावा है कि निकाय चुनाव अपने सभी सहयोगी गठबंधन दल के साथ मिलकर लड़ेगी। अब सवाल ये उठता है कि सपा के साथ रालोद कैसे उम्मीदवार तय करेगी। क्योंकि निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान रविवार को हुआ और उसके दूसरे दिन ही राष्ट्रीय लोकदल राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा चुनाव आयोग ने वापस ले लिया। पार्टी 6% वोट हासिल करने में नाकाम रही थी।

अब अखिलेश ही सभी निकाय टिकट पर अंतिम फैसला कर रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में साथ रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी। ऐसा माना जा रहा है कि इस चुनाव में सपा का खेल सुभासपा बिगाड़ेगी। आपको बता दें 2017 के निकाय चुनाव में सपा का एक भी मेयर नहीं जीता था।

OBC-SC और मुस्लिम उम्मीदवार उतारने पर चर्चा
निकाय चुनाव में सपा आरक्षण का दांव खेल सकती है। पार्टी अनारक्षित सीट पर OBC और SC दावेदार उतारने की तैयारी में है। सपा भाजपा पर आरक्षण दांव चलना चाहती है। पार्टी की रणनीति है कि जिन इलाके में पिछड़े, अति पिछड़े और अनुसूचित जाति की संख्या अधिक है, वहां इस वर्ग से उम्मीदवार उतारे जाएं। ऐसे में कई अनारक्षित सीटों पर इस वर्ग के उम्मीदवार उतार कर आरक्षण का हितैषी होने का संदेश दिया जाएगा।

अखिलेश ने निर्देश दिया है कि जिले को यूनिट बनाकर नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्ष एवं सभासदों के बीच सामाजिक समीकरण साधा जाए। फिलहाल सपा ओबीसी और एससी के अलावा मुस्लिम उम्मीदवारों पर भी दांव लगाकर बीजेपी को चुनौती देने का प्लान तैयार कर चुकी है।

मेरठ, मथुरा महापौर की सीट पर आरएलडी का दावा
सपा के साथ सहयोगी दल आरएलडी महापौर की 2 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है। गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने के फैसले पर मेरठ और मथुरा के महापौर की सीट राष्ट्रीय लोक दल अपने खाते में चाहता है। फिलहाल मेरठ में आरएलडी के पदाधिकारियों के द्वारा चुनाव लड़े जाने को लेकर प्रमुखता के साथ तैयारियां की जा रही हैं।
मेरठ के पदाधिकारियों का दावा है कि अगर राष्ट्रीय लोकदल को महापौर की मेरठ की सीट मिली तो वह जरूर इस बार महापौर का चुनाव जीतेंगे। वही मथुरा महापौर की सीट पर भी आरएलडी दावा कर रही है। अंतिम फैसला अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच होना है। वहीं मेरठ सीट से सपा से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान और विधायक रफीक अंसारी की पत्नी खुर्शीदा का नाम चर्चा में है।

2017 के चुनाव में इन सीटों में दूसरे नंबर पर थी सपा

सपा साल 2017 में अयोध्या, गोरखपुर, प्रयागराज, बरेली और लखनऊ में दूसरे नंबर पर रही थी। हालांकि इस बार गोरखपुर में सपा से तीन नाम गये हैं, जिसमें एक ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ हैं और इनमें राजीव पांडेय, नीरज शाही और सुनील श्रीवास्तव शामिल हैं। इस बार सपा का आरएलडी के साथ गठबंधन है, ऐसे में सपा अपना समीकरण बेहतर करने के लिए तैयारी कर रही है। अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि अपने गठबंधन के सहयोगियों के साथ निकाय चुनाव लड़ेंगे।

अखिलेश लगाएंगे अंतिम मोहर

सपा ने नगर निगम चुनाव की तैयारी काफी पहले ही शुरू कर दी थी, इसीलिए अलग-अलग नगर निगम में पर्यवेक्षक बैठक कर चुके हैं। अखिलेश यादव के पास प्रस्तावित नाम भी भेजे जा चुके हैं। जैसे लखनऊ नगर निगम के लिए कुल 14 लोगों ने नगर कार्यालय पर आवेदन किया था।
कई बैठकों के बाद इनमें से 5 से 6 नामों का पैनल तैयार करके राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा जा चुका है। इसी तरह वाराणसी से भी तीन से चार नामों भेजे जा चुके हैं। नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष के चयन के लिए भी प्रक्रिया कुछ इसी तरह की है, हालांकि वहां जिले की कमेटी विधायक, पूर्व विधायक, सांसद पूर्व सांसद तीन चार नामों का पैनल तैयार कर प्रदेश अध्यक्ष को भेजेंगे और प्रदेश अध्यक्ष फिर उन नामों की स्वीकृति राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर नाम घोषित करेंगे।

सपा में प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया

सपा ने मेयर पद के उम्मीदवार को चुनने के लिए इस बार अलग व्यवस्था की है। पार्टी ने नगर निगम के चुनाव के लिए ऑब्ज़र्वर बीते वर्ष अगस्त महीने में ही घोषित कर दिए थे। इसमें पार्टी के विधायक सांसद पूर्व विधायक शामिल है। ये आब्जर्वर अलग-अलग शहरों में तैनात किए गए हैं।
उस शहर के सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष के साथ पार्टी संगठन के पदाधिकारियों के साथ 4-5 नामों का पैनल तैयार करके अखिलेश यादव के पास भेजेंगे। नगर निगम में मेयर पद का उम्मीदवार कौन होगा इसका आखिरी फैसला अखिलेश ही करेंगे।

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