परिवार की हार देखकर बौखला गए हैं- ओपी राजभर ने लगाया सीएम योगी पर हत्या करवाने का आरोप तो लोग ऐसे कसने लगे तंज

परिवार की हार देखकर बौखला गए हैं- ओपी राजभर ने लगाया सीएम योगी पर हत्या करवाने का आरोप तो लोग ऐसे कसने लगे तंज

14 फरवरी को वाराणसी (Varanasi) में ओम प्रकाश राजभर (OM Prakash Rajbhar) को उस वक्त विरोध का सामना करना पड़ा, जब वे अपने बेटे अरविंद राजभर के नामांकन कराने के लिए कचहरी पहुंचे थे। इसी दौरान वकीलों ने ओपी राजभर के विरोध में नारे लगाए। ओपी राजभर के साथ धक्कामुक्की की भी जानकारी सामने आई है। अब ओपी राजभर ने इस मुद्दे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) पर हमला बोला है।

योगी आदित्यनाथ ने मचाई लूट: ओम प्रकाश राजभर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जो हम आन्दोलन चला रहे हैं दलितों, पिछड़ों और गरीबों के लिए, उससे सीएम योगी आदित्यनाथ चिढ़े हुए हैं क्योंकि वे हिस्सा लूट रहे हैं। 69 हजार शिक्षक भर्ती, 27% आरक्षण, 22 प्रतिशत दलितों का हिस्सा भी लूट लिया।

ओपी राजभर ने कहा कि ‘हमने उनका (BJP का) साथ छोड़ दिया तो ये उनको बहुत बुरा लगा रहा है। कोई नहीं बोल रहा है, मैं अकेले बोल रहा हूं। ये बात सबको बुरा लग रही है। खासतौर पर योगी जी को बुरा लग रहा है क्योंकि उनकी कुर्सी जा रही है इसलिए वे मेरी हत्या करवाना चाहते हैं। कल (वाराणसी) में मेरे लिए गुंडे भेजे गए थे।’ अब ओपी राजभर के इस बयान पर लोग सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

कृष्ण कान्त शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि हमेशा ऊलूल जलूल- बयान देकर सुर्खियों में रहने के अभ्यस्त ओपी राजभर को प्रदेश में इनके किसी बयान को कोई गम्भीरता से नहीं लेता है। वीर शिवाजी नाम के यूजर ने लिखा कि वाह…ये अच्छा है। चुनाव में सामने हार दिखी तो अब बेबुनियाद आरोप लगाने लगे। वैसे इनका ये फॉर्मूला इनको कोई फायदा नही देने वाला।

अनु नाम के यूजर ने ओपी राजभर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी के सारे वादे हैं झूठ, बस सच हैं सूट बूट और लूट। रजनीश कुमार कश्यप नाम के यूजर ने लिखा कि ये निम्न स्तर की राजनीति कर रहा है। अतुल सिंह परमार नाम के यूजर ने लिखा कि अपना और अपने परिवार का हार देखकर यह गुंडा बौखला गया है । इनका विरोध और कोई नहीं कर रहा, राजभर समाज के लोग ही कर रहे हैं।

राहुल नाम के यूजर ने लिखा कि पिछड़ों का हक मारो और जो सवाल उठाएं फिर उसे भी। तानशाही की सारी सीमाएं पार की जा चुकी हैं, युवा अपना हक मांगें तो लाठी, किसान अपने हक की आवाज उठाए तो खालिस्तानी, आतंकवादी। कोई भी आवाज उठाए उसे कुचल दो। जनता को लूट लो मगर चुनाव में ध्यान मत जाने दो, हिंदू-मुस्लिम करो।

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